गूगल सर्च कैसे काम करता है? 7 Min में जानें [2022] | How Google Search Works in Hindi?

आज के समय में जब किसी को कुछ सवाल का जवाब चाहिए होता है तो वह सबसे पहले गूगल पर ही उसका उत्तर सर्च करता है और अधिकतर समय में लोगों के प्रश्नों के उत्तर मिल ही जाते हैं – How Google Search Works in Hindi?

बहुत लोग यह जानना चाहते हैं की गूगल सर्च कैसे काम करता है? अगर आप भी यह जानना चाहते हैं तो यह ब्लॉग पोस्ट पूरा पढ़ें आपके सभी सवालों का जवाब आसानी से मिल जाएगा. 

एक रिपोर्ट के अनुसार हर रोज़ गूगल पर 350 करोड़ प्रश्नों को पूछा जाता है और हर साल गूगल पर सर्च करने का दर 10% से बढ़ जाता है.

वैसे तो गूगल किसी भी चीज़ को रिजल्ट पेज पर रैंक करने के लिए कई सौ फैक्टर को देखता है इसलिए लोगों को लगता है की गूगल सर्च को समझना काफी मुश्किल है लेकिन इस ब्लॉग में हम आपको सबसे आसान तरिके से समझाएंगे की गूगल सर्च कैसे काम करता है?

गूगल सर्च कैसे काम करता है? – How Google Search Works in Hindi?

गूगल का काम होता है हर रोज़ लाखों करोड़ों पब्लिश हो रहे वेबसाइट और ब्लॉग को क्रॉल करना और फिर अल्गोरिथम के हिसाब से उन वेबसाइट को गूगल के पेज पर रैंक करना. सुनने में यह काम काफी आसान लगता है लेकिन यह करने में गूगल के करोड़ों रुपये रोज़ खर्च होते हैं.

गूगल के बॉट्स जिन्हें स्पाइडर्स भी कहा जाता है वो इंटरनेट पर मौजूद सभी वेबसाइट के कंटेंट को पढता है और समझता है की क्या यह रैंक करने लायक है या नहीं इसी के साथ गूगल का क्रॉलर आपके वेबसाइट के केटेगरी को भी पहचानता है.

उसके बाद इन सभी वेबसाइट के डाटा को गूगल अपने डाटा सेंटर में स्टोर कर लेता है उसके बाद गूगल का काम होता है लोगों के प्रश्नों के हिसाब से उन्हें गूगल के पेज पर वेबसाइट को रैंक कराना.

जब आप गूगल पर कुछ भी सर्च करते हैं तो गूगल आपके प्रश्न के हिसाब से अपने डेटाबेस में मौजूद करोड़ों अरबों वेबसाइट को छाँटकर आपके लिए सबसे उपयुक्त रिजल्ट कुछ ही सेकंड में पेज पर दिखाता है.

गूगल हर साल करीब 2000 करोड़ प्रश्नों के उत्तर के लिए इसी तरह से वेबसाइट को पेज पर रैंक करता है और इस काम को करने के लिए बहुत जटिल चीज़ों पर काम करना पड़ता है इसी के साथ हर साल गूगल पर सर्च करने वालों की संख्यां बढ़ भी रही है. 

क्यूंकि गूगल की जिम्मेदारी होती है की वो आपको उपयुक्त रिजल्ट पेज पर दिखाए इसलिए उनके लिए इस काम को करना और भी कठिन हो जाता है.

गूगल क्यों दुनिया का सबसे अच्छा सर्च इंजन है?

अब आपको लगता होगा की दुनिया में तो और भी कई सर्च इंजन है जो की गूगल जैसा ही प्रोसेस करते हैं तो फिर लोग गूगल को ही क्यों इस्तेमाल करते हैं?

गूगल का डेटाबेस इस समय सबसे बड़ा है और गूगल लोगों को क्वालिटी और सही इनफार्मेशन कुछ ही सेकंड में लाकर देता है जबकि बाकी सर्च इंजन ऐसा नहीं करते हैं इसलिए लोग गूगल का इस्तेमाल सबसे अधिक करते हैं.

गूगल वेबसाइट को रैंक करने के लिए बैकलिंक्स का भी इस्तेमाल करता है तो चलिए समझते हैं की बैकलिंक क्या होता है और किस तरह से यह वेबसाइट या ब्लॉग को गूगल पेज पर रैंक करने में मदद करता है?

गूगल सर्च पर आपके वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ाने के लिए बैकलिंक एक अच्छा तरीका है इसका इस्तेमाल करके आप अपने कॉम्पिटिटर से ऊपर रैंक कर सकते हो इसलिए बैकलिंक को समझना आपके लिए बहुत जरुरी है.

बैकलिंक का अर्थ होता है अपने वेबसाइट का लिंक किसी और के वेबसाइट पर लगाना ताकि उस वेबसाइट पर आने वाले लोग लिंक के जरिये आपके वेबसाइट पर भी आ सकें इससे गूगल की नजरों में आपके वेबसाइट का महत्त्व थोड़ा बढ़ जाता है.

लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें की सिर्फ हज़ारों बैकलिंक बनाने भर से काम नहीं चलेगा बल्कि आपको अच्छी और क्वालिटी वेबसाइट से बैकलिंक बनाना होगा तभी इसका फायदा आपको मिलेगा. 

बैकलिंक बनाते समय इस बात का ध्यान रखें की जिस वेबसाइट या ब्लॉग से आप बैकलिंक ले रहे हैं उस वेबसाइट ब्लॉग का केटेगरी आपके वेबसाइट के केटेगरी से मिलता हो नहीं तो गूगल इसे वैध लिंक नहीं मानेगा. 

अब अगर और भी अच्छे से आप यह समझना चाहते हैं की गूगल सर्च कैसे काम करता है तो आपको गूगल के रैंक ब्रेन अल्गोरिथम को भी समझना होगा. 

RankBrain अल्गोरिथम कैसे काम करता है? – How RankBrain Algorithm Works in Hindi?

रैंक ब्रेन अल्गोरिथम का निर्माण गूगल ने बड़े मात्रा में डाटा को प्रोसेस करके सही रिजल्ट लाने के लिए बनाया था, यह अल्गोरिथम आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करता है इसलिए यह जितने अधिक डाटा को प्रोसेस करता है इसका रिजल्ट उतना ही सही होते रहता है.

जब भी आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं तो रैंक ब्रेन अल्गोरिथम आपके क्वेरी को प्रोसेस करता है और समझने की कोशिश करता है की आप असल में क्या ढूँढना चाहते हो.

मान लो आप सर्च करते हो की “2021 में सबसे अच्छा खिलाडी कौन था?” लेकिन अब गूगल को कैसे समझेगा की आप किस स्पोर्ट के खिलाड़ी के बारे जानना चाहते हैं इसलिए रैंक ब्रेन अल्गोरिथम यह चेक करेगा की आपने  किस स्पोर्ट को बुकमार्क किया है? आप किस खेल के सेलिब्रिटी को फॉलो करते हैं? क्या आपने क्रिकेट से जुड़े कोई सवाल गूगल पूछा था? इससे गूगल यह समझ जाता है की आप किस खेल के बारे में जानना चाहते हो.

जब गूगल यह समझ जाता है की आप किस खेल के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके हिसाब से आपको रिजल्ट दिखाता है. इसके अलावा गूगल से सैकड़ों रैंकिंग फैक्टर है लेकिन हम सभी फैक्टर को एक बार में नहीं जान सकते इसलिए कुछ जरुरी रैंकिंग फैक्टर के बारे में निचे वताया गया है.

गूगल के रैंकिंग फैक्टर कौनसे हैं? – What are Google’s Ranking Factors in Hindi?

गूगल का सिर्फ एक मकसद है यूजर को सही जानकारी बिना दिक्कत के जल्द से जल्द देना इसलिए सबसे पहले आपको ऐसा कंटेंट बनाना चाहिए जो की आपके यूजर के समस्या का हल कर सकता है. उसके बाद आपको बाकी के रैंकिंग फैक्टर को देखना चाहिए. 

टाइटल और डिस्क्रिप्शन को ऑप्टिमाइज़ रखें 

जब गूगल को लगता है की आपका कंटेंट लोगों के समस्या को हल कर रहा है तो वह आपके वेबसाइट को पहले पेज पर रैंक करने लगता है लेकिन अब यहां पर बात आती है की गूगल यह जानेगा कैसे की आपका कंटेंट लोगों को पसंद आ रहा है या नहीं इसके लिए आपको अपने ब्लॉग में कीवर्ड या वही शब्दों को डालना होगा जिसे लोग सर्च करके आपके ब्लॉग पर आएंगे. 

लेकिन इस बात का ध्यान रखें की आप आपको ब्लॉग में हर जगह सिर्फ कीवर्ड ही नहीं डालना है इसके लिए आपको टाइटल टैग और मेटा टैग ऑप्टिमाइजेशन के बारे में जानना होगा जिसका मतलब है टाइटल और डिस्क्रिप्शन में अपने कीवर्ड को लिखना. 

कंटेंट को सही और पेज को सिंपल रखें 

कई बार लोग कंटेंट सही रखते हैं लेकिन उनका वेब पेज कलर से काफी भरा हुआ होता है जो की यूजर के एक्सपीरियंस को खराब करता है और फिर वे आपके वेबसाइट से बहुत ही जल्दी चले जाते हैं जिसे बाउंस रेट भी कहा जाता है जिससे आपका वेबसाइट निचे रैंक होने लगता है.

इसलिए यह जरुरी है की अपने कंटेंट में आप हैडिंग, सबहैडिंग, टेक्स्ट, इमेज, वीडियोस, और इन्फोग्रफिक को शामिल करें. अगर आप चाहते हैं ही आपके वेबसाइट का बाउंस रेट बहुत अच्छा हो तो आपको अपने वेबसाइट का कंटेंट और वेबसाइट का डिज़ाइन बहुत ही सिंपल रखना होगा. 

आप निचे इमेज में जरुरी रैंकिंग फैक्टर को देख सकते हो जिसका इस्तेमाल करके गूगल कंटेंट को SERP या रिजल्ट पेज पर रैंक करता है.

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प्रो टिप: गूगल पर रैंक करने का सबसे अच्छा तरीका है यूजर के इंटेंट यानी की इरादे को समझकर बाकि वेबसाइट के मुकाबले अच्छा कंटेंट बनाना. अब तक तो आपको यह समझ ही गया होगा की गूगल किस तरह से किसी वेबसाइट को रैंक करने के लिए रैंकिंग फैक्टर और अल्गोरिथम का इस्तेमाल करता है इसलिए यह जरुरी है की ऊपर बताये गए रैंकिंग फैक्टर को ध्यान में रखते हुए ही अपने कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करें. 

हमें आशा है की यह ब्लॉग पोस्ट पढ़ने के बाद आपके सवाल गूगल सर्च कैसे काम करता है? (How Google Search Works in Hindi) रैंकिंग फैक्टर क्या है आईएनएस सभी का जवाब आपको आसानी से मिल गया होगा. 

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