अगर आप डिजिटल मार्केटिंग से परिचित हैं तो आपने SEO शब्द को जरूर सुना होगा लेकिन अगर आप SEO को पहली बार सुन रहे हो और यह जानना चाहते हो की SEO Kya Hai? समझाएं, यह कैसे काम करता है, और इसे कैसे सीखे तो सही पोस्ट पर आये हैं – SEO Kya Hai in Hindi?
तो चलिए जानते हैं की SEO (Search Engine Optimization) क्या होता है? – What is SEO Meaning in Hindi?
सबसे पहले कुछ ऐसे words को समझ लेते हैं जो SEO में सबसे ज्यादा उपयोग किये जाते हैं :
Algorithm : Algorithm का अर्थ होता है किसी काम को करने के लिए set of rules, Google वेबसाइट को रैंक करने के लिए अपने Algorithm यानी set of rules का इस्तेमाल करता है।
SEO Ranking Factors : यह वो factors होते हैं जिसका इस्तेमाल गूगल वेबसाइट को रैंक करने के लिए करता है।
SERP (Search Engine Result Page) : जब आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं उसके बाद जो page खुलता है और जहां सभी वेबसाइट के लिंक और result show होते हैं उसे ही SERP कहा जाता है।
Optimization : इसका अर्थ होता है किसी चीज़ को algorithm के हिसाब से सुधारना, मान लो आपने एक ब्लॉग लिखा है लेकिन उसमें सिर्फ 50 words है इसका मतलब वह गूगल के हिसाब से optimize नहीं जब आप उसे 500 words का कर देंगे तो words वाला पार्ट optimize हो गया है।
Crawler : Crawler ऐसे set of programme होते हैं जो की गूगल द्वारा इंटरनेट पर मौजूद सभी वेबसाइट के कंटेंट को जांचते हैं और उसका रिपोर्ट गूगल के database में देते हैं।
Indexing : Indexing का अर्थ होता है गूगल के result पेज पर वेबसाइट को list करना।
SEO क्या है? कैसे सीखें? – SEO Kya Hai Samjhaie in Hindi 2023?
SEO का फुल फॉर्म होता है सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (Search Engine Optimization) SEO एक प्रोसेस है जिसका इस्तेमाल करके आप वेबसाइट या Blog कंटेंट को सर्च इंजन जैसे की Google पर रैंक करा सकते हो.
मान लो कोई गूगल पर सर्च करता है की “SEO कैसे सीखे?” और आप इस कीवर्ड के लिए अपने Blog या Website को गूगल पर रैंक कराना चाहते हो तो आप अपने वेबसाइट के कंटेंट को गूगल पर रैंक कराने के लिए उसे सुधारोगे जिससे की आपका वेबसाइट गूगल पर ऊपर रैंक कर सके, ब्लॉग के कंटेंट को रैंकिंग के लिए ऑप्टिमाइज़ या सुधारने के प्रोसेस को ही SEO कहा जाता है।
SEO टेक्निक का इस्तेमाल करके आप अपने वेबसाइट या किसी ऑनलाइन कंटेंट पर organic ट्रैफिक ला सकते हैं अर्थात इसके लिए आपको पैसे देने की जरुरत नहीं होती है.
अगर आपको यह सीखना है की आप अपने वेबसाइट या ब्लॉग को गूगल पर कैसे रैंक करा सकते हैं तो सबसे पहले आपको समझना होगा की Google सर्च कैसे काम करता है? जिसे हम आगे अच्छे से समझेंगे.
SEO का फुल फॉर्म क्या है?
SEO का फुल फॉर्म है Search Engine Optimization, जिसका अर्थ है अपने वेबसाइट को सर्च इंजन के अनुसार ऑप्टिमाइज़ करना या सुधारना ताकि आपका वेबसाइट सर्च इंजन जैसे की गूगल पर आसानी से रैंक कर सके।
SEO ब्लॉग के लिए क्यों जरुरी है?
दुनिया में करोड़ों ब्लॉग हैं लेकिन उनमें से 80% ब्लॉग पर ट्रैफिक लगभग ना के बराबर या बहुत कम जाता है ऐसा इसलिए क्यूंकि वे सभी ब्लॉग अच्छे से SEO ऑप्टीमाइज़्ड नहीं होते हैं।
मान लो आपने अपने ब्लॉग पर 100 आर्टिकल लिखा है लेकिन उसका सही से SEO नहीं किया है तो इससे आपका सारा मेहनत पानी में चला जाएगा, लेकिन अगर आप SEO को सुधारेंगे तो गूगल सर्च रिजल्ट में आपके वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ेगी।
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, या SEO, आपके ब्लॉग को इस तरह से लिखने और स्ट्रक्चर करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रिया है, जिससे आपकी सर्च इंजन रैंकिंग बढ़ती है। जब आप सही तरीके से SEO करते हैं तो लोग आपके ब्लॉग पर आसानी से आ सकते हैं और अपने वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ा सकते हो।
SEO के प्रकार? – Types of SEO in Hindi?
आपको अपने वेबसाइट को गूगल या किसी भी सर्च इंजन के पहले स्थान पर रैंक कराने के लिए SEO के 3 Factors पर काम करना होता है.
सबसे पहले मैं यह बता दूँ की SEO शुरू करने से पहले आपका कंटेंट क्वालिटी वाला होना चाहिए अर्थात विज़िटर को आपके वेबसाइट या ब्लॉग से उसेक सवाल का जवाब सही तरीके से मिलना चाहिए नहीं तो कोई भी SEO ज्यादा दिन तक काम नहीं आएगा.
वैसे तो SEO के कई सारे प्रकार हैं लेकिन निचे बताये गए 3 प्रकार सबसे महत्वपूर्ण है जिसे आपको जरूर जानना चाहिए।
1) ऑन-पेज SEO (On-Page SEO) : वेबसाइट पर मौजूद कंटेंट में सुधार करना
2) ऑफ-पेज SEO (Off-Page SEO) : बैकलिंक बनाना और सोशल शेयर करना
3) टेक्निकल SEO (Technical SEO) : वेबसाइट के स्ट्रक्चर और लोडिंग स्पीड में सुधार करना.
जो भी आपने ऊपर देखा वह SEO के प्रकार हैं जिसे हम आगे और भी डिटेल में जानेंगे:
On-Page SEO
आप जो भी ऑप्टिमाइजेशन अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर करते हैं उसे On Page Optimization कहा जाता है। On Page Optimization में
- अपने ब्लॉग पर क्वालिटी कंटेंट को बनायें ताकि visitors को उनके सवालों का जवाब आसानी से मिल जाए,
- Google बॉट्स को आपकी conetnt को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए मेटा टैग जोड़ें,
- Headline और अन्य सामग्री तत्वों को हाइलाइट करने के लिए HTML टैग का उपयोग करें,
- Broken link या डुप्लीकेट सामग्री/पृष्ठ check करना। URL संरचना को साफ करें
- ऐसी images चुनना जो फ़ाइल बहुत बड़ी न हों, आदि कुछ अन्य ऑन-पेज एसईओ तकनीकें हैं।
Off-Page SEO
ऑफ-पेज एसईओ में ऑप्टिमाइजेशन का काम आप अपने वेबसाइट या ब्लॉग के बाहर करते हैं ताकि blog Google के SERPs में उच्च ranking प्राप्त करे। इसमें बाहरी रैंकिंग factors पर काम करना शामिल है जैसे कि आप के समान डोमेन में विश्वसनीय साइटों से लिंक बनाना, सफल सोशल मीडिया मार्केटिंग, ग्राहकों से आपको विभिन्न ऑनलाइन मंचों पर सकारात्मक review देना आदि।
Technical SEO
Technical SEO मुख्य रूप से Google bots को भविष्य में उपयोग के लिए आपकी साइट के सभी pages को सफलतापूर्वक crawl, explain और index करने में मदद करने के लिए है। पूरी तरह से XML साइटमैप बनाना, अपनी साइट को Mobile optimize बनाना, वेब क्रॉलर की मदद करने के लिए structured डेटा जोड़ना और उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली content के प्रकार के आधार पर आपके pages को categorize करना कुछ ऐसी ही तकनीकें हैं जिनका उपयोग किया जाता है।
व्हाइट-हैट एसईओ – White Hat SEO
SEO करने के लिए जब आप गूगल के Guide Lines का पालन करते हैं तो इसे White Hat SEO कहा जाता है। यह SEO आपके वेबसाइट पर लम्बे समय तक ट्रैफिक लाते हैं लेकिन शुरू में ट्रैफिक लाने में थोड़ा समय लगता है। इसके अलावा, यदि कोई नया एल्गोरिथम परिवर्तन होता है, तो आपकी साइट के search परिणामों में प्रतिबंधित या टकराने का कोई जोखिम नहीं है।
कुल मिलाकर, यदि आप इसे सही तरीके से करते हैं तो White Hat SEO कम जोखिम वाला और ऊँची रैंकिंग प्रदान करता है। White Hat SEO तकनीकों के उदाहरणों में लंबा-चौड़ा Keyword Research करने के बाद उपयोगी और relevant content का लेखन, आपकी On Page content की योग्यता के आधार पर उच्च-athority साइटों से लिंक अर्जित करना आदि शामिल हैं।
ब्लैक-हैट एसईओ – Black Hat SEO
ब्लैक-हैट SEO, व्हाइट-हैट SEO के ठीक विपरीत है, जिसमें आप अपने SERP पर बेहतर रैंक करने के लिए Google के search एल्गोरिथ्म में किसी भी खामियों या कमजोरियों का पता लगाते हैं और नियमों के विरुद्ध SEO करते हैं जिससे आपको कुछ समय के लिए फायदा तो होता है लेकिन कुछ समय के बाद गूगल आपके वेबसाइट को बन कर देता है।
इसमें सर्च इंजन स्पैमी या पेड लिंक बिल्डिंग मेथड्स, कीवर्ड स्टफिंग, बॉट्स / क्रॉलर और इंसानों (क्लोकिंग कहा जाता है) आदि गलत टेक्निक का इस्तेमाल किया जाता है।
ग्रे-हैट एसईओ – Grey Hat SEO
ग्रे-हैट SEO रणनीति अक्सर एक क्लाइंट से fast परिणाम देखने के दबाव के कारण SEO एजेंसियों द्वारा उपयोग की जाती है और दृष्टिकोण के मामले में White और Black Hat SEO के बीच में आती है। हालांकि Google के वेबमास्टर दिशानिर्देश स्पष्ट रूप से यह नहीं कहते हैं कि इस तरह के तरीके वर्जित हैं, इस प्रकार के SEO के उदाहरणों में क्लिकबैट content शामिल है जो सनसनीखेज है लेकिन औसत दर्जे की है और उपयोगकर्ता के लिए कोई मूल्य नहीं है, साइटों के बीच अत्यधिक और संदिग्ध लिंक एक्सचेंज, भुगतान समीक्षा आदि। इस तरह की गुप्त एसईओ रणनीति से दूर रहना सबसे अच्छा है।
नकारात्मक एसईओ – Negative SEO
विभिन्न प्रकार के SEO में, यह अब तक का सबसे बुरा है। Negative SEO आपके प्रतिस्पर्धियों की सर्च रैंकिंग को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया जाता है ताकि आप खुद उनकी जगह ले सकें या इससे फायदा उठा सकें। Negative SEO विधियों में किसी की साइट को हैक करना और उस पर संदेहास्पद रूप से उच्च संख्या में निम्न-गुणवत्ता वाले लिंक बनाना, विभिन्न ऑनलाइन मंचों पर उनके बारे में Negative प्रतिक्रिया या review पोस्ट करना आदि शामिल हैं।
स्थानीय एसईओ – Local SEO
Local SEO मतलब अपने लोकल एरिया में वेबसाइट को रैंक कराना, मान लो आपका ज्वेलरी का शॉप है तो अगर आपने लोकल SEO किया है और कोई विजिटर सर्च करता है की “Jewellary shop near me” तो आपका वेबसाइट और गूगल माय बिज़नेस पेज रैंक होगा।
मोबाइल SEO
किसी वेबसाइट को सर्च इंजन के लिए optimize करने की प्रक्रिया यह सुनिश्चित करते हुए कि यह स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे मोबाइल उपकरणों पर बिना error देखने योग्य है, मोबाइल SEO के रूप में जानी जाती है।
इस प्रकार का SEO आवश्यक है क्योंकि यह आपको अपने ग्राहकों तक सही समय पर और सही जगह पर पहुंचने की अनुमति देता है, जिससे उन्हें best user expeerience मिलता है। मोबाइल ऑप्टिमाइज़ेशन आपकी साइट की डिज़ाइन, संरचना, Page speed और अन्य महत्वपूर्ण कारकों का analysis करने में आपकी मदद करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मोबाइल विज़िटर किसी भी जानकारी से दूर न हों।
eCommerce SEO
व्यवसायों के ऑनलाइन स्टोर को optimize करने की प्रक्रिया eCommerce SEO है। सर्च इंजन द्वारा प्रतिदिन लाखों प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है, जिनमें से कई ई-कॉमर्स से संबंधित हैं। ईकॉमर्स SEO आपकी वेबसाइट के ट्रैफिक और रैंकिंग को बढ़ाने में आपको फायदा पहुंचाता है।
अंतर्राष्ट्रीय SEO – International SEO
कई countries और भाषाओं से ऑर्गेनिक ट्रैफ़िक लाने के लिए अपनी वेबसाइट को ऑप्टिमाइज़ करना International SEO कहलाता है। आपको अपने लक्षित दर्शकों को उनकी मुद्राओं और उनकी भाषा में खरीदारी करने की अनुमति देनी चाहिए।
आप अमेरिका देश में मौजूद लोगों के लिए कंटेंट बना सकते हैं और इंटरनेशनल SEO का इस्तेमाल करके उनके लिए अपने वेबसाइट या ब्लॉग को रैंक करा सकते हैं।
सामग्री एसईओ – Content SEO
यदि आप अव्यवस्थित ढंग से Content का निर्माण कर रहे हैं, यह उम्मीद करते हुए कि इसमें से कुछ रैंक करेंगे, तो आपको अपने कंटेंट बनाने की स्ट्रैटजी पर काम करना होगा। Content SEO सबसे अच्छा काम करता है जब Content High Quality वाली होती है और search इंजन में उच्च रैंक के लिए optimized होती है।
आप जब अपना वेबसाइट बनाते हैं और उसमे कंटेंट लिखते हैं तो जब आप कंटेंट लिख लेते हैं तो उसमे आपको ऑन-पेज SEO करना होता है इसमें आप वेबसाइट पर मौजूद कंटेंट के Title, Description, URL, Keyword, कंटेंट की लम्बाई, Image, Video, H1 टैग जैसे कई चीज़ों को सुधारते हैं.
जब आप अपने कंटेंट का ऑन पेज SEO सही से कर लेते हो तो बारी आती है टेक्निकल SEO की जिसमे आप अपने वेबसाइट की स्पीड और उसके स्ट्रक्चर को सुधारते हो.
गूगल के अनुसार अगर आपके वेबसाइट का लोडिंग स्पीड 3 सेकंड से कम है तो आपको इसका फायदा जरूर मिलेगा. उसके बाद आप ऑफ-पेज SEO करते हैं इसमें आप अपने कंटेंट को अलग अलग सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं और अपने कंटेंट के लिए बैकलिंक भी बनाते हैं.
जब आप ऊपर बताये गए सभी काम सही तरीके से कर लेते हैं तो आपका website गूगल पर रैंक होने लगता हैं इसी तरीके से SEO काम करता है.
White Hat SEO और Black Hat SEO
कई लोग अपने Website को जल्दी से रैंक कराने के चक्कर में कुछ ऐसे SEO टेक्न्कि का इस्तेमाल करते हैं जिसे गूगल पसंद नहीं करता है.
कई लोग गूगल पर जल्दी से रैंक करने के चक्कर में कीवर्ड्स stuffing, खराब बैकलिंक्स, और डुप्लीकेट कंटेंट का इस्तेमाल करते हैं इसे ही ब्लैक हैट SEO भी कहा जाता है इससे गूगल आपके वेबसाइट को पेनलाइज़ कर देता है जिससे आपके वेबसाइट या ब्लॉग दुबारा कभी रैंक नहीं करता है.
मेरा सलाह यही है की अगर आप लम्बे समय वाला ऑनलाइन बिज़नेस करना चाहते हैं तो आपको कभी भी ब्लैक हैट SEO का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
ब्लैक हैट SEO टेक्न्कि :
- कीवर्ड स्टफ्फिंग (ब्लॉग में कीवर्ड भर देना)
- डुप्लीकेट कंटेंट
- छुपे हुए text
- क्लोकिंग या यूजर को किसी दूसरे पेज पर भेजना
- ऐसे साइट से लिंक लेना जो सही नहीं है
व्हाइट हैट SEO टेक्निक :
- सही कंटेंट
- क्वालिटी इमेज
- सही ग्रामर और स्पेलिंग
- सही जगह से लिंक लेना और देना
- पेज का टाइटल यूनिक और सही होना
ब्लॉग का SEO कैसे करें? – Basic of SEO in Hindi?
तो चलिए अब जानते हैं की SEO कैसे किया जाता है? इसको समझना एक अलग बात है और इसपर प्रैक्टिकल काम करके रिजल्ट लाना अलग बात है.
सबसे पहले मैं आपको यह बता दूँ की SEO एक लॉन्ग टर्म गेम है इसलिए इसमें शॉर्टकट से काम करने की कोशिश न करें.
आपको SEO मार्केटिंग का इस्तेमाल करके रिजल्ट लाने में 6 महीने से 1 साल या उससे भी अधिक का समय लग सकता है यह सब कुछ आपके ज्ञान लेने की क्षमता, आपकी प्रैक्टिस और अनुशासन पर निर्भर करता है.
निचे आप SEO से जुडी सभी बेसिक जानकारियों को जानोगे जिससे आप SEO की शुरुआत कर सकते हैं।
गूगल किसी भी ब्लॉग या वेबसाइट को रैंक करने के लिए 200 से अधिक फैक्टर का इस्तेमाल करता है इनमें से जो महत्वपूर्ण और कभी न बदलने वाले फैक्टर हैं उसे मैंने निचे समझाया है, तो चलिए जानतें हैं।
कंटेंट – Content
अगर आपका कंटेंट बेकार है तो आप सबसे अच्छा SEO करने के बाद भी गूगल पर लम्बे समय तक रैंक नहीं कर सकते हो लेकिन अगर आपका कंटेंट बाकियों के मुकाबले यूजर को ज्यादा वैल्यू देता है तो जिसने सबसे अच्छा SEO भी किया होगा लेकिन उसके कंटेंट में डीएम नहीं है तो आप उससे ऊपर रैंक करोगे.
दुनिया की सबसे अच्छी मार्केटिंग ख़राब प्रोडक्ट को नहीं बेच सकती है इसलिए कंटेंट को सबसे अधिक फोकस दें.
कंटेंट बनाते समय नीचे बताये गए Factors को ध्यान रखें:
क्वालिटी – Quality
क्वालिटी कंटेंट का मतलब होता है अगर कोई यूजर आपके वेबसाइट पर आता है तो उसे उसके सवाल का जवाब आपके वेबसाइट पर सही तरीके से मिलना चाहिए नहीं तो वे आपके वेबसाइट से बाउंस बैक हो जायेंगे.
इसलिए हमेशा ऐसे कंटेंट को बनाये जिसकी क्वालिटी बहुत बढ़िया हो क्यूंकि आपको गूगल को नहीं यूजर को खुश करना है तभी गूगल भी आपके कंटेंट से खुश होगा.
यूजर का इरादा – Intent
अगर यूजर सर्च कर रहा है की “Off Page SEO क्या है?” तो यह इस टॉपिक से जुडी जानकरी आपके वेब पेज में जरूर होना चाहिए लेकिन अगर आपके पेज पर जो यूजर चाहता है वह नहीं है तो गूगल यह समझ जाएगा और आपको रैंक नहीं करेगा.
कंटेंट को अपडेट करें – Freshness
मान लो आपने “धोनी ने कितने छक्के मारे हैं” इस कीवर्ड पर आपने पोस्ट लिखा है लेकिन आपने इसे पिछले 2 साल से अपडेट नहीं किया तो इससे गूगल समझ जाएगा की आपका कंटेंट बहुत पुराना हो गया है.’
क्यूंकि पिछले एक साल से धोनी ने तो बहुत छक्के मारे होंगे लेकिन आपने अपडेट नहीं किया इसलिए आपके कंटेंट की कीमत ख़तम हो जायेगी, यह जरूरी है की आप अपने कंटेंट को कुछ महीने में अपडेट करें.
कीवर्ड रिसर्च (Keyword Research)
कीवर्ड का अर्थ होता है ऐसे शब्द जिन्हे यूजर गूगल पर सर्च करता हैं. अगर आप ऑनलाइन मार्केटिंग का कोर्स बेचते हैं तो आप चाहेंगे की अगर लोग गूगल पर सर्च करें “ऑनलाइन बेस्ट मार्केटिंग कोर्स” तो आपका वेबसाइट रैंक होना चाहिए.
लेकिन ऐसा करने के लिए आपको SEO से जुडी कई सारे चीज़ें करनी होगी लेकिन सबसे पहले आपको उस कीवर्ड को खोजना होगा जिसके बारे में लोग सर्च कर रहे हैं.
अगर आप कोर्स बेच रहे हैं तो आप चाहेंगे की आपका वेबसाइट “ऑनलाइन बेस्ट मार्केटिंग कोर्स” इस कीवर्ड पर रैंक हो न की “फ्री मार्केटिंग कोर्स” वाले कीवर्ड पर.
इसलिए आपको कीवर्ड की पूरी जानकरी होनी चाहिए तभी आप क्वालिटी कंटेंट बना सकते हैं.
कीवर्ड रिसर्च करते समय आपको उस कीवर्ड के इंटेंट (अर्थात यूजर क्या चाहता है?) और अपने कॉम्पिटिटर्स के कीवर्ड को भी जानना होगा ताकि आप उन टॉपिक पर भी लिख सकें जिसपर आपके कॉम्पिटिटर ने नहीं लिखा है.
HTML
जो आप कंटेंट लिखते हो उसे आप एक स्ट्रक्चर में लिखते हो जैसे की H1, H2, H3, Title, डिस्क्रिप्शन, Alt text, tags इत्यादि जो की गूगल को समझना जरुरी है तभी वह आपके कंटेंट को अच्छी तरह से समझ पायेगा.
आपको वेबसाइट के कंटेंट में चेंज करने के लिए HTML कोड लिखने की जरुरत नहीं है आपको सिर्फ नीचे बातये गए चीज़ों को करना है.
हेडिंग (H1):
जब आप कोई आर्टिकल लिखते हैं तो आप उसे H1, H2, और H3 सेक्शन में डिवाइड करते हैं जिससे पढ़ते समय यूजर को समझ में आये की आर्टिकल का जो भाग वे पढ़ रहे हैं वह किस बारे में है इसलिए इन सभी हेडिंग्स का सही जगह इस्तेमाल करना काफी जरुरी है.
टाइटल (Title)
जब आप गूगल पर कोई क्वेरी सर्च करते हैं तो वहां पर आपको सभी रिजल्ट का टाइटल और डिस्क्रिप्शन दिखाई देता है, यूजर किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उस टाइटल को पढ़ता है.
इसलिए आपको टाइटल ऐसा रखना चाहिए जिससे यूजर को समझ आये की वो जो चाहता है वह आपके वेब पेज में है या नहीं इससे CTR भी बढ़ता है.
टाइटल का कंटेंट 50-70 करैक्टर के बीच में होना चाहिए.
डिस्क्रिप्शन (Description)
टाइटल के निचे SERP पर डिस्क्रिप्शन दिखाई देता है कोई भी यूजर लिंक पर क्लिक करने से पहले टाइटल के बाद डिस्क्रिप्शन को देखता है और फिर लिंक पर क्लिक करता है.
इसलिए आपको भी ऐसा डिस्क्रिप्शन लिखना चाहिए जिससे की यूजर को आपके कंटेंट के बारे में पता चल सके.
डिस्क्रिप्शन का कंटेंट 120-170 करैक्टर के बीच में होना चाहिए.
स्कीमा (Schema)
सर्च इंजन जैसे की गूगल और बिंग को यह बताने के लिए की एक पर्टिकुलर कंटेंट किस बारे में है या यह क्या दर्शाता है इसके लिए कुछ Tag का इस्तेमाल किया जाता है उसे ही Schema मार्कअप कहा जाता है.
जैसे की अगर आपका वेबसाइट या ब्लॉग वर्डप्रेस पर है तो आप Schema प्लगिन को डाउनलोड कर सकते हो जिससे की गूगल आपके वेब पेज के कंटेंट को आसानी से समझ सकता है.
ALT टेक्स्ट
अगर आपने अपने वेबसाइट के कंटेंट में Images या चित्र का इस्तेमाल किया है तो आपको उसके ALT या Alternative टेक्स्ट को लिखना चाहिए जिससे गूगल को समझ आता है की इमेज किस बारे में है.
कभी कभी जब आपका इमेज लोड नहीं होता है तो यूजर को ALT टेक्स्ट दिखाई देता है जिससे वह समझ जाता है की इमेज किस बारे में था.
URL स्लग
जब आप गूगल के रिजल्ट या SERP पर किसी लिंक पर क्लिक करते हो तो वह आपको किसी पेज पर ले जाता है यह URL की वजह से होता है आपने सभी वेबसाइट के सबसे ऊपर कुछ ऐसा “https://OnlineVikas/seo/what is seo” URL स्लग देखा होगा.
इससे गूगल को समझता है की आपका कंटेंट कहाँ और किस टॉपिक पर है, आप URL में अपने कीवर्ड को भी जोड़ सकते हैं.
साइट स्ट्रक्चर
साइट का स्ट्रक्चर इतना जरुरी क्यों है?
यूजर एक्सपीरियंस (User Experience): अगर आपका वेबसाइट जानकरी प्रदान करता है तो आपके वेबसाइट में सिर्फ काम की चीज़ें होनी चाहिए न की सजावटी चीज़ें आपके साइट का कंटेंट जितना अच्छा दिखेगा और इस्तेमाल करने में आसानी होगा यूजर को उतना ही अच्छा लगेगा.
मोबाइल फ्रेंडलीनेस (Mobile Frindliness) : आज के समय में 90% वेबसाइट में अधिकतम लोग मोबाइल से आते हैं इसलिए आपके वेबसाइट का कंटेंट मोबाइल में भी अच्छा दिखना चाहिए.
सेफ कनेक्शन (Safe Connection) : हैकर्स आपके वेबसाइट पर आने वाले लोगों का डाटा चुरा न लें और आपके वेबसाइट को हैक न कर लें इसलिए यह जरुरी है की आपके वेबसइट में HTTPS अवश्य होना चाहिए.
Sitemap सबमिट करें : जब आप अपने वेबसाइट का साइटमैप गूगल सर्च कंसोल में सबमिट करते हो तो गूगल आपके वेबसाइट को आसानी से क्रॉल करता है.
पेज स्पीड : अगर आपका वेबसाइट लोड होने में 3 सेकंड से कम समय लेता है तो आपके वेबसाइट का रैंकिंग उनके मुकाबले अच्छा होगा जिनकी वेबसाइट की लोडिंग स्पीड बहुत अधिक है.
ऊपर बताये गए तीनों चीज़ों को वेबसाइट पर सफल करने के लिए साइट का स्ट्रक्चर अच्छा होना चाहिए इससे SEO भी अच्छा हो जाता है.
ट्रस्ट बनाये
आपको गूगल के नज़र में अपना एक ट्रस्ट बनाना होगा क्यूंकि अगर आप गूगल के नज़र में अपना ट्रस्ट नहीं बना पाए तो वह आपके वेबसाइट को कभी रैंक नहीं करेगा इसलिए गूगल के नज़र में अपना ट्रस्ट जरूर बनाये.
गूगल पर अपने वेबसाइट का ट्रस्ट कैसे बनाये?
गूगल की नज़र में अपने वेबसाइट का ट्रस्ट बनाने के कई कारण हैं लेकिन दो सबसे मुख्य कारण है:
आपके वेबसाइट का age : आपका साइट जितना पुराना होगा और क्वालिटी कंटेंट देता होगा गूगल आपके वेबसाइट पर ट्रस्ट जरुर बनाएगा
आपके वेबसाइट पर बाउंस रेट और विजिट टाइम : बाउंस रेट का मतलब है अगर 100 लोग आपके वेबसाइट पर आ रहे हैं तो कितने लोग सिर्फ एक ही पेज को पढ़कर चले जाते हैं.
अगर आपके वेबसाइट पर 100 लोग आते हैं और 40 लोग अन्य पेज को भी पढ़ते हैं तो आपके वेबसाइट का बाउंस रेट 60% होगा, बाउंस रेट जितना कम उतना अच्छा.
जब कोई आपके वेबसाइट पर विजिट करता है तो वह कितना टाइम गुजारता है यह आपको ध्यान रखना चाहिए. जितना अधिक समय तक लोग आपके वेबसाइट पर समय बिताएंगे गूगल के नज़र में आपके वेबसाइट का ट्रस्ट उतना ही अधिक होगा.
लिंक
अगर किसी अच्छे वेबसाइट पर आपके वेबसाइट का लिंक होगा तो लोग उस लिंक से आपके वेबसाइट पर भी आएंगे इसे ही बैकलिंक कहा जाता है जो की आपके वेबसाइट के अथॉरिटी के लिए बहुत अधिक जरुरी है.
आप क्वोरा (Quora) और मीडियम (Medium) जैसे वेबसाइट पर अपने साइट का लिंक दे सकते हैं इससे वहाँ से ट्रैफिक आपके वेबसाइट पर भी आएगा.
SEO vs SEM in Hindi
आप यह तो समझ ही गए हैं की SEO क्या है तो चलिए अब पहले यह समझते हैं की SEM क्या है उसके बाद इनके बीच का डिफरेंस देखेंगे।
SEM क्या है?
सर्च इंजन मार्केटिंग (SEM) सर्च इंजन पर visibility हासिल करने के लिए Paid तरीका है है। इसे PPC (पे-पर-क्लिक) के रूप में भी जाना जाता है।
वेबसाइट को व्यवस्थित रूप से रैंक करने में मदद करने वाली रणनीति का उपयोग करने के विपरीत, SEM आपके लक्षित दर्शकों तक पहुंचने के लिए उपलब्ध विज्ञापन प्रारूपों का उपयोग करने के लिए Google Ads और Bing Ads जैसे PPC विज्ञापन प्लेटफॉर्म का उपयोग करता है।
और, एक रणनीति के रूप में, इसमें भुगतान किए गए विज्ञापनों को सेट करने और अनुकूलित करने से लेकर रूपांतरण और रिटर्न बढ़ाने के लिए खाते के प्रबंधन तक सब कुछ शामिल है।
SEM आमतौर पर व्यापक Keyword Research और प्रतिस्पर्धी अंतर्दृष्टि (जो आप पीपीसी विज्ञापन टूलकिट जैसे उपकरणों के साथ कर सकते हैं) के साथ एक अभियान शुरू करेंगे जो लक्षित Campaigns बनाने के लिए अपने उत्पादों और सेवाओं को लक्षित दर्शकों को दिखाते हैं।
इन Campaigns में शामिल हैं:
- Search विज्ञापन (पाठ विज्ञापन)
- शॉपिंग विज्ञापन
- Display विज्ञापन
- Gmail विज्ञापन
- यूट्यूब विज्ञापन
ये सभी अलग-अलग format Google Ads में उपलब्ध हैं — ये सभी आपके लक्षित दर्शकों तक पहुंचने में आपकी सहायता कर सकते हैं।
जब उपयोगकर्ता उन विशिष्ट शब्दों की खोज करते हैं जिनके विरुद्ध विज्ञापनदाता विज्ञापन चला रहा है, तो उन्हें एक कस्टम विज्ञापन दिखाई देगा, जो आमतौर पर SERPs के शीर्ष पर होता है। या, कुछ मामलों में, शॉपिंग विज्ञापन। हर बार जब विज्ञापन पर क्लिक किया जाता है, तो व्यवसाय इसके लिए भुगतान करता है।
SEM | SEO |
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आप SEM के साथ हर एक क्लिक या इंप्रेशन के लिए भुगतान करते हैं | SEO से आपको फ्री में ट्रैफिक मिलता है |
SEM लगभग तत्काल परिणाम लाता है | SEO से परिणाम आने में 3-6 महीनें का समय लगता है |
SEM तभी तक चलेगा जब तक आप पैसे खर्च करेंगे | SEO आपके वेबसाइट को लगातार ग्रो करता है |
SERPs पर स्पष्ट रूप से चिह्न दिखाई देता है | SEO में ऐसा कोई चिह्न नहीं दीखता है |
SEM परीक्षण और Test करने में आसान है | SEO का टेस्ट और परिक्षण कठिन होता है |
एक बार जब आप ऊपर बताये गए सभी चीज़ों (इसे ही SEO कहते हैं) और तरीकों को अपने वेबसाइट या ब्लॉग में अमल करते हो तो आपका वेबसाइट सर्च इंजन पर ऊपर रैंक करता है.
Organic & Inorganic Result क्या है?
एक सफल डिजिटल मार्केटर को पता होना चाहिए कि ऑर्गेनिक & Inorganic सर्च रिजल्ट में क्या अंतर है और दोनों तकनीकों का अपने सर्वोत्तम लाभ के लिए उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए।
Organic रिजल्ट : जब आपके वेबसाइट पर बिना पैसा खर्चा किये वेबसाइट पर विजिटर आते हैं जैसे की SEO के मदद से।
Inorganic रिजल्ट : जब आप अपने वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए पैसे खर्च करते हैं तो इसे Inorganic ट्रैफिक कहा जाता है।
आप अपने सर्च रिजल्ट पर आर्गेनिक और इनऑर्गेनिक रिजल्ट देख सकते हैं।
Organic रिजल्ट : SEO द्वारा रैंक हुए वेबसाइट
Inorganic रिजल्ट : Ad द्वारा रैंक हुए वेबसाइट
ऑर्गेनिक रिजल्ट लंबे समय तक चलने वाले परिणाम देते हैं, जबकि Inorganic रिजल्ट तत्काल रैंकिंग देते हैं, जिससे भारी ट्रैफ़िक प्राप्त होता है।
Inorganic रिजल्ट से ट्रैफिक लाने के लिए आपको विज्ञापन पर पैसे खर्च करने होते हैं और इसका सबसे बड़ा नकारात्मक कारक यह है कि जैसे ही कोई विज्ञापन चलाना बंद करता है, रैंकिंग नीचे चली जाती है।
लेकिन आपको Organic रिजल्ट या ट्रैफिक लाने के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़ते हैं, SEO के माध्यम से जब आपके वेबसाइट पर फ्री में ट्रैफिक आता है तो उसे ही Organic ट्रैफिक या रिजल्ट कहते हैं।
Organic तरिके से आने वाला ट्रैफिक आपके वेबसाइट पर लम्बे समय तक रहता है लेकिन शुरू में आर्गेनिक ट्रैफिक लाना थोड़ा मुश्किल होता है।
सर्च इंजन वेबसाइटों को कैसे रैंक करते हैं? – How Search Engine Works in Hindi
Google और Bing जैसे search इंजन किसी विशेष keyword के लिए सबसे अधिक प्रासंगिक content निर्धारित करने और प्रदान करने के लिए कई रैंकिंग factor का उपयोग करते हैं।
लेकिन इससे पहले कि सर्च इंजन आपके वेबसाइट को रैंक कर सकें, सर्च इंजन को पहले वेबसाइटों को क्रॉल (पढ़ना) और इंडेक्स (सर्वर पर रैंकिंग) करना होगा। क्रॉलिंग और इंडेक्सिंग का मतलब यहां दिया गया है।
क्रॉलिंग – Crawling
क्रॉलिंग सर्च प्रक्रिया है इसमें आपके वेबसाइट पर मौजूद कंटेंट, link और स्ट्रक्चर को जानने के लिए गूगल अपने क्रॉलर (कंप्यूटर कोड) को आपके वेबसाइट पर भेजता है।
Google के अनुसार, “हम सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वेबपेजों को खोजने के लिए वेब क्रॉलर के रूप में जाने जाने वाले सॉफ़्टवेयर का उपयोग करते हैं।
क्रॉलर पेज को देखते हैं और उन pages पर लिंक का पालन करते हैं, ठीक उसी तरह जैसे आप वेब पर सामग्री ब्राउज़ करते समय करते।
वे लिंक से लिंक पर जाते हैं और उन वेबपेजों के बारे में डेटा Google के सर्वर पर वापस लाते हैं।”
वेबपेज के अलावा इमेज, वीडियो, पीडीएफ फाइल, ब्लॉग पोस्ट आदि को भी क्रॉल करता है।
लेकिन जो भी प्रारूप है, सामग्री हमेशा लिंक द्वारा खोजी जाती है।
तो आप ऑर्गेनिक खोज परिणामों में पाए जाने के लिए, सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट का प्रत्येक पेज क्रॉल किया गया है।
इंडेक्सिंग – Indexing
इंडेक्सिंग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा Google जैसे सर्च इंजन उपयोगकर्ताओं के प्रश्नों के त्वरित उत्तर प्रदान करने के लिए सर्च से पहले जानकारी को server पर व्यवस्थित करते हैं।
सामान्यतया, Google और अन्य सर्च इंजनों के पास वेब पृष्ठों और अन्य सामग्री का संरचित डेटा होता है जिसके बारे में वे जानते हैं।
और एक बार इन पेज को इंडेक्सिंग करने के बाद, सर्च इंजन अब इन पेज और उनकी सामग्री के बारे में जानकारी का उपयोग कर सकते हैं…
…उनके लिए यह तय करना है कि इस सामग्री को अपने खोज परिणामों में दिखाना है या नहीं।
SEO के फायदे? – Benefits of SEO in Hindi
लोग आपके वेबसाइट पर विश्वास करते हैं
Search इंजन परिणाम Page पर उच्च रैंक वाली साइट को आमतौर पर search इंजन द्वारा उच्च-गुणवत्ता और भरोसेमंद माना जाता है, और यह बदले में, आपके व्यवसाय trust को बढ़ाता है।
इसमें आपको कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ता
SEO में PPC जैसी खर्च नहीं करना पड़ता है। सर्च इंजन आपकी साइट को 24/7 क्रॉल करते हैं, उपयोगी content का प्रचार करते हैं और नए customer को खोजने में आपकी सहायता करते हैं। अपने SEO efforts का अधिकतम लाभ उठाने के लिए, अपने Niche के भीतर उच्च रैंकिंग साइटों पर content reveiw करने के लिए अपना कुछ समय allott करें, बेहतर content लिखने का लक्ष्य रखें। फिर, content को अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर share करें।
यह Content Marketing का सबसे अच्छा तरीका है
मूल content और SEO एक साथ काम करते हैं; text, images और videos सहित visitor के लिए उपयोगी कंटेंट बनाकर, आपकी साइट search result में बेहतर रैंक करेगी। SEO आपके कंटेंट मार्केटिंग प्रयासों का भी समर्थन कर सकता है। सुनिश्चित करें कि content उच्च गुणवत्ता वाली है और उन कीवर्ड के लिए opotimize है जिनके लिए आप रैंक करना चाहते हैं, और चूंकि खोज इंजन जैसे ताजगी, अपनी सामग्री को नियमित रूप से अपडेट करते हैं।
यह आपको एक Competitive लाभ देता है
आपके प्रतियोगी संभवतः SEO में निवेश कर रहे होंगे, जिसका अर्थ है कि आपको भी करना चाहिए। जो लोग SEO में भारी निवेश करते हैं वे अक्सर सर्च इंजन परिणामों में प्रतिस्पर्धा को पछाड़ देते हैं और high rankgin हासिल कर लेते हैं। Google Search के पहले page के website पर 90% ट्रैफिक जाता है, तो आप वहां नहीं होने का जोखिम नहीं उठा सकते।
अपने प्रतिस्पर्धियों की पहचान करने, उनकी ताकत और कमजोरियों का विश्लेषण करने और अपनी ऑनलाइन presence बनाने और प्रबंधित करने से शुरुआत करें। फिर, सुनिश्चित करें कि आपकी साइट तेजी से लोड होती है और मोबाइल के अनुकूल है, quality content बनाएं, और better user experience प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करें।
यह आपको अधिक लोगों तक पहुंचने में मदद कर सकता है
कई मार्केटिंग अभियान एक परिभाषित लक्षित दर्शकों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, SEO आपको किसी निश्चित समय पर किसी को भी आकर्षित करने में मदद कर सकता है, चाहे वे Sales फ़नल के किसी भी चरण में हों। यदि आप Demographics के बजाय कीवर्ड को लक्षित करते हैं जैसा कि आप कर सकते हैं पीपीसी या सामाजिक विज्ञापन के साथ, आप अधिक customer को आकर्षित कर सकते हैं जो आपके साथ व्यापार करने में रुचि रखते हैं।
यह आपको Local Search में बेहतर रैंक करने में मदद करता है
“Plumber near me” जैसी स्थानीय खोजें अधिक आम होती जा रही हैं। और मोबाइल पर लगभग 80% स्थानीय खोजों से conversion होता है। Local SEO रणनीतियाँ आपको इन खोजकर्ताओं को आकर्षित करने में मदद कर सकती हैं जो अक्सर खरीदने के लिए तैयार रहते हैं। Local SEO रणनीतियों के साथ आरंभ करने का पहला कदम एक Google My Business खाता बनाना है।
फिर, अपने ग्राहकों से review का अनुरोध करना शुरू करें। यह सुनिश्चित करके कि आपके पास सही नाम, पता और फोन नंबर है, अपनी लिस्टिंग को ऑप्टिमाइज़ करें। Voice Search के लिए अपनी लिस्टिंग को optimize करना भी सुनिश्चित करें।
यह उपयोगकर्ता जुड़ाव दरों में सुधार करता है
एक ऑप्टिमाइज़ वेबसाइट क्वालिटी ट्रैफिक लाती है। यदि आपके पास ऐसी उपयोगी सामग्री वाली साइट है जो खोजकर्ता के इरादे से मेल खाती है, तो वे ब्राउज़िंग में अधिक समय व्यतीत करेंगे, जिससे अंततः अधिक रूपांतरण हो सकते हैं और ROI में वृद्धि हो सकती है। जो ग्राहक किसी वेबसाइट के साथ अधिक समय तक जुड़े रहते हैं, वे ब्रांड से अधिक जुड़ते हैं – इससे ग्राहक वकालत और longterm revenue प्राप्त हो सकता है।
अपनी user interaction दर में सुधार करने के लिए, अपनी साइट का ऑडिट करने के लिए कई ऑनलाइन टूल में से एक का उपयोग करें, और फिर अपने शीर्षक और मेटा टैग जैसी चीज़ों को optimize करें। साथ ही, सुनिश्चित करें कि आप एक सुरक्षित और मोबाइल-अनुकूल वेबसाइट प्रदान कर रहे हैं।
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अगर आप अपने वेबसाइट या फिर ब्लॉग पर आर्गेनिक ट्रैफिक लाना चाहते हैं तो Search Engine Optimization आपके लिए बेस्ट मार्केटिंग ऑप्शन साबित हो सकता है।
SEO का सबसे बड़ा फायदा यह है की इससे ट्रैफिक लाने के लिए आपको पैसे इन्वेस्ट नहीं करने होते हैं लेकिन समय का निवेश जरूर करना होगा। अगर आप अच्छे से सीखना चाहते हैं तो सबसे पहले खुद का एक ब्लॉग जरूर शुरू करें।
Google हर हफ्ते कोई न कोई अल्गोरिथम अपडेट लाते रहता है इसलिए जरुरी है की आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट को अच्छी तरह से ऑप्टिमाइज़ रखें।
हमें आशा है की यह पोस्ट पढ़ने के बाद आपके सभी सवाल जैसे की SEO Kya Hai in hindi इसके प्रकार और इसे कैसे करते हैं? इसका जवाब मिल गया होगा.
FAQ
Ans: Algorithm का अर्थ होता है किसी काम को करने के लिए set of rules, Google वेबसाइट को रैंक करने के लिए अपने Algorithm यानी set of rules का इस्तेमाल करता है।
Ans: जब आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं उसके बाद जो page खुलता है और जहां सभी वेबसाइट के लिंक और result show होते हैं उसे ही SERP कहा जाता है।
Ans: Crawler ऐसे set of programme होते हैं जो की गूगल द्वारा इंटरनेट पर मौजूद सभी वेबसाइट के कंटेंट को जांचते हैं और उसका रिपोर्ट गूगल के database में देते हैं।
Ans: Indexing का अर्थ होता है गूगल के result पेज पर वेबसाइट को list करना।
Ans: SEO का फुल फॉर्म होता है सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (Search Engine Optimization) SEO एक प्रोसेस है जिसका इस्तेमाल करके आप वेबसाइट या Blog कंटेंट को सर्च इंजन जैसे की Google पर रैंक कराते हो.
विकास तिवारी पिछले 3 सालों से पैसे कैसे कमाएं, बिज़नेस आइडियाज, और इंटरनेट से जुडी जानकारी आप सभी के साथ साझा कर रहे हैं। किसी भी टॉपिक को आसान भाषा में बताना इन्हें अच्छा लगता है।
गुणवत्तापूर्ण जानकारी के लिए धन्यवाद
Aapke janakari ke liye dhanyawad sir